- :अवैध निर्माण में भ्रष्टाचार, बेलदार की मिलीभगत से पनप रहा अवैध निर्मा ण, एमसीडी प्रशासन मौन
- :अवैध निर्माण का काला सच, बेलदार की मदद से फल फूल रही हैं मोतीनगर विधानसभा में ईमारतें
- :बेलदार के खेल से अवैध निर्माण को बढावा, प्रशासन खामोश क्यों ?


नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करोलबाग भवन निर्माण विभाग के अधिकारी आखिरकार मोतीनगर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में हो रहे अवैध निर्माण पर खामौश क्यों है। पिछले बीस वर्षो से अवैध रूप से तैनात बेलदार पर अभी तक क्यों कार्रवाई नहीं हुई है। जिसके चलते क्षेत्र में अवैध ईमारतों की भरमार हो रही है। आखिरकार कब तक क्षेत्र में अवैध निर्माण का खेल चलता रहेगा।

बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट एवं निगम भवन निर्माण विभाग से जुडे कानूनों व नियमों के अनुसार किसी भी भवन व ईमारतों के निर्माण के लिए बहुत सारे जरूरी नियमों का पालन करना होता है। बिना नक्शा पास कराए कोई भी इंसान अपना भवन नहीं बना सकता, या यूं कहें कि ईमारतों से जुडे मानक पूरे होने के साथ ही आप अपने मकान व ईमारतों का निर्माण कर सकते है। चाहे आप रैजिडेंस प्लॉट पर निर्माण कर रहे हैं या फिर कॉर्मिशियल प्लॉट पर ईमारत का, लेकिन मोतीनगर विधानसभा क्षेत्र में रामारोड, कर्मपुरा, पंजाबीबाग, मोतीनगर, रमेशनगर, औधोगिक क्षेत्र, कीर्तिनगर, लक्कडमंडी, मानसरोवर गार्डन इलाके में सैकडों ईमारतें निर्माणधीन है, जिसमें रैजिडेंस व कॉमिर्शियल ईमारतें शामिल है। निर्माणधीन ईमारतों में एमसीडी द्धारा जारी नियमों की अवहेलना कर भू-माफिया व बिल्डर्स अपने निजी स्वार्थ के चलते कानून की धजिज्जया उडा रहे है। इससे निगम के नक्शा विभाग को भी लाखों रूपये के राजस्व को छति पहुंच रही है। साथ ही प्रशासन का भी मखौल उडाया जा रहा है। समय रहते हुए अवैध रूप से तैनात बेलदार व बिना मानकों के तैयार होती ईमारतों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो क्षेत्र में अवैध रूप से तैयार हुई ईमारतों पर कभी भी हादसों की घटना हो सकती है।


क्षेत्रीय जनप्रतिनिधी ले संज्ञान: समाजिक संगठन व क्षेत्र वासियों की लगातार शिकायतों के बावजूद भी क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसलिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधी विधायक व निगम पार्षद को इसमें संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही अवैध निर्माण पर बेलदार द्वारा की जा रही अवैध कमाई पर भी अंकुश लगना चाहिए।