: करोलबाग जोन के डी0सी0 साहब के तबादलें के बाद अवैध निर्माण पर हो सकती हैं बडी कार्रवाई ?
:जर्जर इमारतों पर नया निर्माण कर बिल्डर्स दे रहे हैं लोगों को हादसों का निमंत्रण
:कीर्ति नगर में अवैध निर्माण का खेल, मौत को खुला निमंत्रण !
:स्वार्थी बिल्डर और बेलदारों की मिलीभगत से जारी गड़बड़ी,प्रशासन कब लेगा एक्शन ?
(डेस्क रिपोर्टर)
नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करोलबाग जोन: में हो रहे अवैध निर्माण को देखकर तो यहीं प्रतीत हो रहा हैं कि करोलबाग जोन में जंगलराज का माहौल हैं और जोन को चलाने में अवैध रूप से तैनात बेलदारों की तैनाती है। क्षेत्र में धडडल्लें से हो रहे निर्मार्णो में भवन निर्माण विभाग के मानकों की अनदेखी कर भू-माफिया व बिल्डर्स बेलदार के साथ मिलकर बडी ईमारतों का निर्माण कर सरकारी राजस्व को लूटने में लगे हैं और एजेंसी के अधिकारी इन पर कार्रवाई करने की बजाय, इन ईमारतों से होने वाले हादसों के इंतजार में है। ऐसे ही निर्मार्णो की ओर विभाग का ध्यान केंद्रीत करने के लिए हमारी यह रिपोर्ट पेश है, जो दर्शाती हैं कि करोलबाग जोन अधिकारियों की भरोसे नहीं बल्की एक बेलदार के भरोसे चल रहा है। बताते चले कि A/32,33 और B-85, कीर्ति नगर टिम्बर मार्केट में पुराने और जर्जर ढांचे पर नए निर्माण कार्य जोरों पर चल रहे हैं। यह न केवल दिल्ली नगर निगम (DMC) एक्ट के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी पैदा कर रहा है।स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के अवैध निर्माण से हादसों की आशंका बनी रहती है, लेकिन प्रशासन और जिम्मेदार विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं। दिल्ली निगम विभाग, कमिश्नर करोल बाग जोन, जल विभाग, फायर विभाग और अन्य संबंधित विभागों को जल्द से जल्द इस पर संज्ञान लेना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।

दिल्ली के A/32, 33 और B-85, कीर्ति नगर टिम्बर मार्केट में जर्जर इमारतों पर अवैध रूप से नए निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जो DMC एक्ट और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पूरी तरह खिलाफ है। बिल्डिंग विभाग से जुड़े सभी संबंधित विभागों—दिल्ली नगर निगम, कमिश्नर करोल बाग जोन, जल विभाग, फायर विभाग और अन्य प्रशासनिक इकाइयों—को इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन निर्माणों में मानकों की घोर अनदेखी हो रही है। बिल्डिंग निर्माण में मानक सामग्री का उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे भविष्य में हादसों की आशंका बढ़ जाती है। इसके बावजूद कुछ लोग चंद पैसों के लालच में इस खतरनाक खेल को बढ़ावा दे रहे हैं।

प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना को रोका जा सके। सवाल यह उठता है—क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है, या समय रहते उचित कदम उठाए जाएंगे?

राजधानी दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में अवैध निर्माण का खेल लगातार बढ़ता जा रहा है। इस खेल को अंजाम देने में कुछ स्वार्थी बिल्डरों और अवैध रूप से तैनात बेलदारों की मुख्य भूमिका सामने आ रही है। खासकर मुकेश बेलदार और विजय बेलदार का नाम इन अवैध गतिविधियों में प्रमुख रूप से लिया जा रहा है।

इन निर्माणों के दौरान किसी भी तरह के निर्माण मानकों (Building Standards) का पालन नहीं किया जा रहा है। DMC एक्ट की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं, और इस्तेमाल किया जा रहा निर्माण सामग्री भी संदेह के घेरे में है। कोई यह गारंटी नहीं दे सकता कि इन इमारतों में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल गुणवत्ता में नंबर वन है।

भूकंप और हादसों का बढ़ता खतरा
दिल्ली में हाल के दिनों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं और कई जगह निर्माण गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में कमजोर नींव पर बनाई जा रही ये अवैध इमारतें किसी बड़े हादसे को न्योता दे रही हैं। सवाल उठता है कि क्या विभागीय अधिकारी किसी बड़ी त्रासदी का इंतजार कर रहे हैं?

विभागीय अधिकारियों से मांग: तुरंत कार्रवाई हो
दिल्ली नगर निगम, कमिश्नर करोल बाग जोन, फायर विभाग, जल विभाग और अन्य प्रशासनिक विभागों से मांग की जाती है कि इन अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई करें और इन्हें तुरंत रोका जाए।

ये इमारतें न तो किसी मास्टर प्लान के तहत बन रही हैं और न ही नियमों के दायरे में आती हैं। ये केवल बेलदारों और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा हैं, जो जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि इन पर तत्काल छापा मारे और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करे।
